Monday, 12 March 2018

क़ुरआन करीम

फातिहा 

आयत: बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम (1)
अनुवाद: शुरू करता हूँ उस अल्लाह के नाम से जो अत्यंत कृपालु एवं दयालु है.
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आयत: अलहम्दु लिल्लाहि रब्बिल आल'मीन. (2)
अनुवाद: हर प्रकार की प्रशंसा केवल उस अल्लाह के लिए ही है जो सभी संसारों का पालनहार है.
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आयत: अर्रह्मानिर्रहीम (3)
अनुवाद: अत्यंत कृपालु एवं दयालु है.

(cont...)
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